बच्चों क्या आप जानते हो जीवन के लिए सबसे आवश्यक क्या है ?

वायु , भोजन और जल |
क्या आप जानते हो कि हमारी पृथ्वी के 70% भाग पर पानी है पर उस पानी का केवल 0.76 % पानी ही साफ़ है जो कि पीने के लायक है | इसीलिए ताज़े पानी (Fresh Water )को दुर्लभ संसाधन (scarce resource ) कहते हैं |
गर्मियों के आते ही हर व्यक्ति के होंठों पर सिर्फ एक ही शब्द होता है – पानी।
हर साल मानसून के दौरान, हम भारी मात्रा में ताजे पानी को अपनी सड़कों और फुटपाथों को नालियों में बहने देते है. , जहां यह सीवेज के गंदे पानी के साथ मिल जाता है और सीधे उन नदियों में जाता है जहां हम कचरे को डंप करते हैं।
क्या आप जानते हैं कि यह बारिश का पानी हमें गर्मियों में काम आ सकता है ?
जब गर्मी के महीने आते हैं, तो आमतौर पर नदियाँ सूख जाती हैं। और हमारे पानी की जरूरत बढ़ जाती है। इससे पानी के अन्य स्रोतों पर दबाव बढता है, जैसे भूजल (ground water)। नतीजतन, हमारे ट्यूबवेल और बोरवेल ओवरटाइम काम करना शुरू कर देते हैं।
यही कारण है कि देश भर में भूजल स्तर (ground water level ) नीचे जा रहा है। जहां पहले पानी 20 फीट की गहराई पर पाया जा सकता था, अब हमें 200 फीट की गहराई तक खोदना होगा।
क्या है भूजल ( What is Ground Water ) ?

भूजल मिट्टी, रेत और चट्टान में दरारें और रिक्त स्थान में पाया जाने वाला पानी है। इसे मिट्टी, रेत और चट्टानों के भूगर्भिक संरचनाओं के माध्यम से धीरे-धीरे जमा किया जाता है |
Rain Water Harvesting क्या है –

यह वास्तव में एक बहुत पुरानी तकनीक है जिसका इस्तेमाल कई पीढ़ियों से किया जा रहा है। पानी के टैंक, चेक डैम, भंडारण कुओं और जलाशयों को पूरे ग्रामीण भारत में बनाया जाता है राजस्थान के अलवर जिलेमें किशोरी गांव में, किसानों ने बारिश के पानी को इकठ्ठा करने और उन्हें विशाल जलाशयों में जमा करने के लिए जोहड़ या चेकडैम बनाए हैं।
Rain Water Harvesting विभिन्न तकनीकों का उपयोग करके वर्षा जल को संग्रहित करने की एक प्रक्रिया है। भू जल (Ground Water )का व्यवस्थित संग्रह संकट काल के दौरान पानी की आवश्यकता को पूरा करने का एक सुगम और आसान तरीका है |
है न बच्चो यह मजेदार आप भी अपने घर पर पानी को जमा कर सकते हो कैसे आओ देखते
हैं |
रेन वाटर हार्वेस्टिंग(Rain Water Harvesting )कैसे काम करता है?

वर्षा के पानी को छतों से नालियों से सड़कों से इकठ्ठा करके वाटर शेड प्रबन्धन के माध्यम से पानी को संरक्षित किया जाता है | इस पानी को इकठ्ठा करके रखने के लिए बांधो , टैंक या बड़े बड़े कंटेनरों में रखा जाता है |
भारी वर्षा के दौरान मिट्टी में वर्षा जल की निश्चित मात्राको सोखने की क्षमता होती है। अतिरिक्त पानी धीरे-धीरे नदियों में बह जाता है। विकसित क्षेत्रों में जहां बारिश घरों की छतों, कंक्रीट पर गिरती है, पानी नालियों से सीधे नदियों में चली जाता हैं। इससे जल स्तर ऊपर उठता है और बाढ़ आती है। इन क्षेत्रों में बाढ़ से बचने के लिए कंटेनरों वर्षा के पानी को इकठ्ठा किया जाता है |
Rain Water Harvesting के तरीके –
वर्षा जल संचयन के तरीके वर्षा जल संचयन के तरीके
वर्षा जल की कटाई के कई तरीके हैं। इन तरीकों में से कुछ वर्षा जल संचयन में बहुत प्रभावी साबित हुए हैं। हम वाणिज्यिक और घरेलू उपयोग के लिए वर्षा जल का उपयोग कर सकते हैं।
इन विधियों में, हम कुछ जमा पानी का उपयोग घरेलू उपयोग के लिए कर सकते हैं और कुछ तरीकों से हम सहेजे गए पानी का उपयोग व्यापारी क्षेत्र में कर सकते हैं। आइये जानते हैं वर्षा जल संचयन के ये सर्वोत्तम तरीके।
1. भूतल जल संग्रह प्रणाली (Surface Water Collection System )
सतही जल वह पानी है जो बारिश के बाद जमीन पर गिरता है और पृथ्वी के निचले हिस्सों में बहने लगता है। गन्दी नालियों में जाने से पहले सतह के पानी को रोकने की विधि को सतह जल संग्रह कहा जाता है। बड़े जल निकासी पाइपों के माध्यम से, बारिश का पानी कुओं, नदियों, ज़ैक तालाबों में जमा किया जाता है, जो बाद में पानी की कमी को दूर करता है।
2. रूफ सिस्टम (Roof Top System )
इस पद्धति में, आप छत पर गिरने वाले वर्षा जल को स्टोर कर सकते हैं। ऐसी स्थितियों में, खुले टैंकों का उपयोग उच्च ऊंचाई पर किया जाता है, जिसमें बारिश का पानी जमा हो जाता है और नालियों के माध्यम से घरों तक पहुंचाया जाता है। यह पानी साफ है, जो कुछ ब्लीचिंग पाउडर को डालने के बाद पूरी तरह से उपयोग किया जा सकता है।
3. बांध (Dam )
बड़े बाँधों के माध्यम से वर्षा जल को बहुत बड़े पैमाने पर रोका जाता है जो गर्मी के महीनों में घरेलू उपयोग के लिए या कृषि, बिजली उत्पादन और नालियों के माध्यम से पानी की कमी के लिए भी उपयोग किया जाता है। जल संरक्षण की दृष्टि से बांध बहुत उपयोगी साबित हुए हैं, इसलिए भारत में कई बांध बनाए गए हैं और नए बांध भी बनाए जा रहे हैं।
4. अंडरग्राउंड टैंक ( Under ground tank )
इस माध्यम से हम भूमि के अंदर पानी का संरक्षण कर सकते हैं। इस प्रक्रिया में वर्षा के पानी को एक भूमिगत गड्ढे में भेजा जाता है जो भूजल की मात्रा को बढ़ाता है।
आमतौर पर, सूरज की गर्मी के कारण भूमि के ऊपर से बहने वाला पानी भाप बन जाता है और हम इसका उपयोग नहीं कर पाते हैं लेकिन इस तरह से हम मिट्टी के अंदर अधिक से अधिक पानी बचा सकते हैं। यह तरीका बहुत मददगार साबित हुआ है क्योंकि मिट्टी के अंदर का पानी आसानी से सूखता नहीं है और हम इसे पंप के जरिए लंबे समय तक इस्तेमाल कर सकते हैं।
5. जल संग्रह जलाशय (Water Collection Reservoirs)
यह एक सरल प्रक्रिया है जिसमें बारिश का पानी तालाबों और छोटे जल स्रोतों में जमा हो जाता है। इस विधि में संग्रहीत पानी का उपयोग ज्यादातर कृषि कार्यों के लिए किया जाता है क्योंकि यह दूषित होता है।
आप भी कर सकते है Rain Water Harvesting –
इसके लिए हमें बस इतना करना होगा कि पानी को स्टोर करने के लिए रेन वाटर टैंक बनाए जाएं। यदि पानी के टैंक और भंडार महंगे हैं और बनाए रखना मुश्किल है, तो हम बहुत बड़े गड्ढे खोद सकते हैं और खुले जलाशय बना सकते हैं। ये जलाशय न केवल बारिश के पानी को इकट्ठा करेंगे बल्कि इसे जमीन में रिसने देंगे और भूजल स्तर को बढ़ाएंगे।
अब आप सोचेंगे की आखिर हम वर्षा जल की ही बात क्यों कर रहे हैं –
वर्षा के दौरान गिरने वाला जल सबसे शुद्ध पानी होता है | दुनिया के एक्वीफर्स (aquifers) में भूजल(ground water ) के रूप में तीन प्रतिशत से भी कम मीठे पानी को संग्रहीत किया जाता है। भारत के कुल नवीकरणीय जल संसाधन लगभग 1,897 वर्ग किमी / वर्ष हैं। यह कहा गया है कि 2025 तक भारत का एक बड़ा हिस्सा जल संकट का सामना करेगा।
Rain Water Harvesting के फायदे ( Benefits of Rain Water Harvesting )

बारिश के पानी को को इकठ्ठा करने के कई लाभ है कि कभी भी पानी की कमी नहीं हो पायेगी और सभी लोग जल का भरपूर उपयोग कर पाएंगे । बारिश का पानी इकठ्ठा करने से पानी का बिल कम आएगा और साथ ही बिजली का बिल भी कम होगा। Rain Water Harvesting से मिट्टी की गुणवत्ता में बहुत वृद्धि होती है और उर्वरक तत्वों के साथ मिट्टी को उपजाऊ बनाने में सहायता मिलती है । Rain Water Harvesting से भूमि के जल की कमी पूरी होती हैऔर साथ ही यह हमे हमारी पुरानी परम्परा की याद भी दिलाता है , Rain Water Harvesting से बाढ़ का खतरा भी कम होता है और सतह जल की पूर्ति होती है |
तमिलनाडु भारत का अकेला ऐसा राज्य है जहाँ बारिश के पानी को इकट्ठा (Rain Water Harvesting ) करना आवश्यक होगा। यहाँ तमिलनाडु राज्य सरकार ने 30 मई 2014 को ये घोषणा कि है कि चेन्नई में विभिन्न स्थानों पर बारिश के जल को इकट्ठा करने के लिये लगभग 50,000 टेंको का निर्माण किया जाना है । इसी के चलते तमिलनाडु में अभी तक लगभग 4000 मंदिरों में वर्षा जल संग्रहण (Rain Water Harvesting ) के लिये टैंक हैं जो जमीन के पानी को पुनर्भरण में भी मदद कर रहें हैं।
तो बच्चों देखा आपने कि पानी को बचाना कितना ज़रूरी है अब आप भी कोशिश कीजिये कि पानी को बर्बाद न करो और जहाँ तक हो पानी को बचा के रखो ताकि कभी भी पानी की कमी न होने पाए |